भोपाल : मध्य प्रदेश में पिछले 40 दिनों से परिवहन विभाग की काली कमाई का प्रतीक बने पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसने आत्मसमर्पण के लिए भोपाल जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत होकर प्रार्थनापत्र दिया था। इस पर मंगलवार सुबह सुनवाई होनी थी, उससे पहले ही लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी सुबह सौरभ के अधिवक्ता राकेश पाराशर ने मीडिया से साझा की। उन्होंने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया।
चौंकाने वाली बात है कि उसके बावजूद लोकायुक्त पुलिस की टीम गिरफ्तारी से इन्कार करती रही, लेकिन दोपहर तक लोकायुक्त के महानिदेशक जयदीप प्रसाद ने गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी। दोपहर बाद लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के साथ उसके साझेदार चेतन गौर को भी न्यायालय में पेश किया और रिमांड की मांग की।
चार फरवरी तक के लिए दोनों की रिमांड मंजूर
न्यायालय ने चार फरवरी तक के लिए दोनों की रिमांड मंजूर की है। वहीं, गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सक्रिय हो गई है। दोनों ही एजेंसियों ने उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
छापे में करोड़ों बरामद
बता दें कि 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के अरेरा कालोनी स्थित घर पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान उसके करीबी चेतन गौर की कार रातीबड़ थाना क्षेत्र के ग्राम मैंडोरा में खड़ी मिली थी।
आयकर विभाग की टीम ने कार से 11 करोड़ रुपये की नकदी और 52 किलोग्राम सोना समेत अन्य प्रापर्टी के दस्तावेज बरामए किए थे। उसी समय से सौरभ फरार चल रहा था। उस पर लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने प्रकरण दर्ज कर रखा है।