Search
Friday 1 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

उज्जैन में निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी, सीएम ने बजाया डमरू, भक्तों को चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दिए दर्शन

उज्जैन में निकली बाबा महाकाल की दूसरी सवारी, सीएम ने बजाया डमरू, भक्तों को चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में दिए दर्शन

उज्जैन। सावन मास के दूसरे सोमवार पर मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में बाबा महाकाल की भव्य दूसरी सवारी निकाली जा रही है। धार्मिक आस्था, परंपरा और श्रद्धा से सराबोर इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

 

इस पवित्र अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं सवारी में शामिल हुए और डमरू बजाते हुए बाबा महाकाल की आराधना में लीन नजर आए। उनके साथ डिप्टी सीएम डॉ. राजेंद्र शुक्ल, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

दो स्वरूपों में नगर भ्रमण पर निकले भगवान महाकाल

 

चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को रजत पालकी में विराजमान किया गया। मनमहेश स्वरूप गजराज पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। शाम 4 बजे से यह सवारी शहर में घूमी और प्रजा का हाल जानने निकले बाबा के दर्शन पाने को भक्त उमड़ पड़े।

बाबा महाकाल के दर्शन का सिलसिला जारी

 

सवारी से पहले सोमवार तड़के 2:30 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के पट खोले गए। रात से दोपहर 3 बजे तक एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। भक्तों में भारी उत्साह और श्रद्धा का माहौल बना रहा।

 

सीएम मोहन यादव ने बजाया डमरू

 

सवारी के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डमरू बजाकर भगवान महाकाल की आराधना की। वहीं डिप्टी सीएम डॉ. राजेंद्र शुक्ल झांज बजाते नजर आए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल तालियां बजाते हुए श्रद्धा में लीन दिखे। सभी नेताओं ने भगवान महाकाल की पालकी के साथ पैदल चलते हुए नगर भ्रमण में भाग लिया।

रामघाट पर हुआ चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का पूजन

 

जब सवारी रामघाट पर पहुंची, तब बाबा महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पंडित आशीष गुरु के आचार्यत्व में विशेष पूजा कर आरती की। मुख्यमंत्री ने सभामंडप में भी पूजन किया, जिसमें पंडित घनश्याम पुजारी ने विधि विधान से पूजन संपन्न कराया।

जनजातीय कलाकारों ने पेश की रंगारंग प्रस्तुतियां

 

इस वर्ष की सवारी में देश के विभिन्न राज्यों से आए आठ जनजातीय दलों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।

 

झाबुआ का भगोरिया नृत्य

महाराष्ट्र के नाशिक का सौगी मुखोटा नृत्य

गुजरात का राठ जनजातीय नृत्य

राजस्थान के गैर और घूमरा नृत्य

 

इन लोक कलाओं ने सवारी में चार चांद लगा दिए और लोगों ने तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

पुलिस बैंड बना आकर्षण का केंद्र

 

सवारी के दौरान पुलिस बैंड ने भी शानदार प्रस्तुति दी, जो आकर्षण का विशेष केंद्र रहा। बाबा महाकाल की पालकी के आगे-आगे चलते हुए पुलिस बैंड ने धार्मिक धुनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *