इंदौर। फोटो जर्नलिस्ट के पास ‘मिस’ करने का कोई स्कोप नहीं होता। कोई पल आपसे छूट गया तो ख़बर तो फिर भी लिखी जा सकती है लेकिन फ़ोटो नहीं लाया जा सकता। मोबाइल के आने के बाद फोटोग्राफी में प्रतियोगिता बढ़ी है और फ़ोटो जर्नलिस्ट को सामान्य से हटकर सोचना होगा और कुछ ख़ास फ़ोटो क्लिक करना होगा।
ये बातें प्रख्यात फ़ोटो जर्नलिस्ट एवं इंडियन एक्सप्रेस की फ़ोटो एडिटर श्रीमती रेणुका पुरी ने स्टेट प्रेस क्लब, मप्र द्वारा फ़ोटो पत्रकारों एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए आयोजित मास्टर क्लास में विशेषज्ञ के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने बताया नेचर, विज्ञापन, फैशन आदि की फोटोग्राफी करने के बाद उन्हें सुकून नहीं मिला और संयोग से एकबार राजनैतिक घटना के एसाईनमेंट के बाद उन्होंने मेन स्ट्रीम फ़ोटो जर्नलिज्म की राह चुन ली। तिहाड़ जेल में महिलाओं की स्थिति, मेरी कॉम के मां के रूप में दैनंदिनी जीवन, राजनेताओं के जीवन के बेहद अलग पहलू दर्शाते चित्रों से ख्याति प्राप्त कर चुकीं सुश्री रेणुका ने जब अपने क्लिक किए कुछ नयनाभिराम चित्र मेगा स्क्रीन पर दर्शाए तो दर्शक तालियां बजाए बिना न रह सके। उन्होंने रोचक किस्से भी सुनाए कि किस तरह उन्होंने वीरेंद्र सहवाग की शादी में फोटोग्राफी की अनुमति न होने पर उन्होंने शादी का गेस्ट बनकर सगाई और शादी के फोटो क्लिक किए थे। वहीं मायावती द्वारा दुर्व्यवहार की घटना भी सुनाकर पत्रकारों को संदेश दिया कि संघर्ष के लिए तैयार रहें।
भावी फोटो पत्रकारों को उन्होंने कहा कि कवरेज के लिए समय से पहले पहुंचकर कुछ एक्स्ट्रा शूट प्राप्त करने की कोशिश करें। अपनी फोटोग्राफी का विषय अपनी अभिरुचि के हिसाब से चुनें। आजकल डिजिटल फोटोग्राफी से भले ही असीमित फोटो क्लिक करने की सुविधा मिल गई है लेकिन अपनी फ्रेम सोच कर क्लिक करें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से डरने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि उसे कमांड तो हमें ही देनी है। फिर भी एआई से बने फोटो अब मीडिया में उपयोग किए जाने लगे हैं।
मास्टर क्लास के पहले चरण में स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल, श्रीमती रचना जौहरी, अखिल हार्डिया, पुष्कर सोनी, संजय मालवीय, बंसी लालवानी ने श्रीमती रेणुका पुरी का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के महासचिव श्री आलोक बाजपेयी ने किया। अंत में विमेंस प्रेस क्लब, मप्र की अध्यक्ष सुश्री शीतल रॉय ने आभार प्रदर्शन किया।
भावी फ़ोटोग्राफी जर्नलिस्टों के लिए रेणुका पुरी जी की मास्टर 9 टिप्स :
1. अच्छी और बुरी दोनों तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार रहें। सब कुछ हमेशा प्लेट में सजाकर नहीं मिलता।
2. सदैव पुलिस के पीछे रहें आगे नहीं। पुलिस की लाठी या वाॅटर कैनन की धार पत्रकार का भेद नहीं करती और आपके परिवार के लिए आप बहुत महत्वपूर्ण हैं।
3. अपने पैसे इक्विपमेंट्स के लिए बचाएं। समय के साथ अपग्रेड करना ज़रूरी है।
4. आपको अपनी कड़ी मेहनत, स्वभाव और संबंधों से अपने लिए स्थान बनाना होगा।
5. महिला पत्रकारों को मैरी कॉम बनना होगा, ग्लव्स पहनकर रखने होंगे।
6. फ़ोटोग्राफी में अपने टीचर स्वयं बनिए, खूब एक्सपेरिमेंट कीजिए।
7. जल्दबाज़ी न करें, धैर्य रखकर मेहनत करें। रेड कार्पेट की उम्मीद न रखें।
8. आपका काम ही अंततः आपको पहचान दिलाएगा। कैमरे के बिना शायद कुछ लोग आपको पहचाने भी ना।
9. नेचर फोटोग्राफी के लिए जंगल जाने की ज़रूरत नहीं है, आपके आसपास ही विषय बिखरे पड़े हैं।