पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, लंबे समय से बीमार थे
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके सहयोगी कंवर सिंह राणा ने निधन की पुष्टि की है।
कौन थे सत्यपाल मलिक
बागपत के हिसावदा गांव निवासी सत्यपाल मलिक ने मेरठ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान 1965 में छात्र राजनीति में प्रवेश किया। 1966-67 में मलिक मेरठ कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने भारतीय क्रांति दल का गठन किया। 1974 के विधानसभा चुनाव में बीकेडी के टिकट पर बागपत सीट से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे।
1975 में लोकदल के गठन के बाद उन्हें अखिल भारतीय महामंत्री नियुक्त किया गया। 1980 में लोकदल के प्रतिनिधि के रूप में उन्हें राज्यसभा भेजा गया। इस बीच उनकी लोकदल के नेताओं से खटपट बढ़ गई, जिसके बाद 1984 में मलिक ने कांग्रेस की सदस्यता ली।
1986 में कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर राज्यसभा भेजे गए और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री नियुक्त किए गए थे। 1987 में बोफोर्स घोटोले से दुखी होकर राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया और जनमोर्चा में शामिल हो गए। 1988 में जनता दल में शामिल हुए और 1991 तक जनता दल के प्रवक्ता और सचिव रहे। 1989 में जनता दल के टिकट पर अलीगढ़ से सांसद चुने गए।
मलिक 2004 में भाजपा में शामिल हुए और बागपत लोकसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद 2005-06 में यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष बनाए गए। 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के अखिल भारतीय प्रभारी बनाए गए।