मध्यप्रदेश में किसान बनाएंगे ‘बिजली’, बनी बिजली सरकार खरीदेगी
मध्यप्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बीते 11 साल में 15 गुना प्रगति की है। सौर ऊर्जा में 48% और पवन ऊर्जा में 19% बढ़ोतरी हुई है। 9300 मेगावाट से ज्यादा के नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। रीवा के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट को तो विश्व बैंक और हॉवर्ड यूनिवर्सिटी केस स्टडी के रूप में ले रहे हैं। सरकार ने किसानों के हित में आने वाले तीन साल में 32 लाख सोलर पंप कनेक्शन लगाने का लक्ष्य रखा है।
अभी तक किसान बिजली खरीदते हैं, लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की सूर्य मित्र कृषि फीडर सहित अन्य योजनाओं की मदद से भविष्य में किसान बिजली बनाएंगे। सरकार बिजली खरीदेगी। सरकार जल्द सभी शासकीय भवनों पर सोलर रूफटॉप भी लगवाने जा रही है।
रात में नहीं करना पड़ेगा काम
सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह बातें सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना समिट में कहीं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से हम सरप्लस बिजली वाले बने हैं। सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना से किसानों को दिन में भी बिजली मिल सकेगी। उन्हें रात में खेतों में काम नहीं करना पड़ेगा। सरकार का सब्सिडी का बोझ भी कम होगा।
छोटे निवेशक और किसान इस योजना में आसानी से निवेश कर सकते हैं। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, मंत्री कृष्णा गौर, मधुबनी (बिहार) के सांसद अशोक यादव भी मौजूद थे।
क्या है योजना
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना के तहत सबस्टेशंस की 100% क्षमता तक की सौर परियोजनाओं की स्थापना की जा सकेगी। स्थानीय उद्यमियों के लिए निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने न्यूनतम उत्पादन की कोई लिमिट नहीं है। परियोजना लगाने वाले निवेशक या किसानों से शासन 25 साल तक बिजली खरीदने का अनुबंध करेगी। इसमें जो रेट तय होंगे, उसी दर पर सरकार बिजली खरीदेगी।
सोलर प्लांट स्थापित करने प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ की केंद्रीय सहायता मिलेगी। सात साल तक 3% ब्याज छूट के साथ ऋण की सुविधा दी जा रही है। मध्यप्रदेश में 1900 से अधिक सबस्टेशंस पर 14,500 मेगावाट क्षमता परियोजनाओं के चयन के लिए उपलब्ध है। समिट में जानकारी निवेशकों को दी गई।