जादुई हैं वट पूर्णिमा की रात के उपाय
वट पूर्णिमा व्रत वट सावित्री व्रत के 15 दिन बाद मनाया जाता है। दक्षिण पश्चिम भारत में इसका अधिक प्रचलन है। इसका पूजा विधान वट सावित्री व्रत की तरह ही है।
इसके अलावा उत्तर भारत में भगवान शंकर, भगवान विष्णु की पूजा, स्नान, दान की परंपरा है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके सभी पापों का नाश हो जाता है। इसके साथ ही इस दिन दान से पितरों को मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही वट पूर्णिमा के उपाय से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं,विवाह में आ रही अड़चन तो करें ये उपाय
ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन ऐसे लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है जिनका विवाह होते होते रूक जाता है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई बाधा आ रही होती है। ऐसे लोग ज्येष्ठ पूर्णिमा पर सफेद कपड़ा पहनकर शिवजी का अभिषेक करें और महादेव की पूजा करें तो विवाह में आने वाली हर समस्या दूर हो सकती है।
बिजनेस में लाभ का वट पूर्णिमा उपाय
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल के पेड़ में आज के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी निवास करती हैं। इसलिए यदि कोई व्यक्ति एक लोटे में पानी भर कर उसमें कच्चा दूध और बताशा डालकर पीपल के पेड़ को अर्पित करता है तो इससे उस व्यक्ति को रुका हुआ धन प्राप्त होगा और उसे बिजनेस में भी लाभ मिलेगा।
पति भी कर सकता है ये उपाय
वट पूर्णिमा की रात दंपती को चंद्र देव को दूध से अर्घ्य देना चाहिए। इससे उनके जीवन में आ रही हर छोटी-बड़ी परेशानी दूर हो जाएगी। यह काम चाहे पति या पत्नी कोई भी कर सकता है।
भाग्य चमक जाएगा इस उपाय से
वट पूर्णिमा की रात यदि कोई किसी कुएं में एक चम्मच दूध डालता है तो उसका भाग्य चमक सकता है। साथ ही यदि उसे किसी भी जरूरी कार्य में कोई बाधा आ रही होती है तो वो भी तुरंत दूर हो जाती है।
ग्रह दोष हो जाएंगे दूर
यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में ग्रह दोष है तो उसे दूर करने के लिए वट पूर्णिमा पर पीपल और नीम की त्रिवेणी के नीचे विष्णु सहस्त्रनाम या शिवाष्टक का पाठ करना चाहिए।