Search
Monday 4 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

डॉक्टर बीमार मानवता को उपचार प्रदान करते हैं और केवल वे ही जीवन और मृत्यु के बीच अंतर कर सकते हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कल यहां केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल की उपस्थिति में अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान (एबीवीआईएमएस) के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

राष्ट्रपति ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, “इस अस्पताल और संस्थान से दो सम्माननीय और महान व्यक्ति : डॉ. राम मनोहर लोहिया और अटल बिहारी वाजपेयी जुड़े हुए हैं। इन दोनों के लिए राष्ट्र सर्वोपरि था। उन्होंने हमारे समाज और देश को नए आयाम दिए। मुझे विश्वास है और उम्मीद है कि इस संस्थान और अस्पताल से जुड़े लोग भी उन्हीं दिशा और उनके पदचिन्हों पर चलेंगे।”

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर बीमार मानवता को उपचार प्रदान करते हैं और केवल वे ही जीवन और मृत्यु के बीच अंतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “आपने एक बड़ी जिम्मेदारी ली है। हमारे देश में, डॉक्टरों को भगवान के रूप में माना जाता है, क्योंकि वे लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। कृपया याद रखें कि आप जो दवाएं लिखते हैं, उनसे सार्थक उपचार होना चाहिए।”

डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा के मामलों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, राष्ट्रपति ने कठिन समय के दौरान रोगियों और रोगी की सेवा करने वालों के शांत रहने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोई भी डॉक्टर नहीं चाहता कि उनके मरीज पीड़ित हों। उन्होंने कहा कि “कोविड महामारी के दौरान, डॉक्टरों और नर्सों ने जीवन बचाने के लिए समर्पण के साथ अपना कर्तव्य निभाया और एक देश के रूप में, हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे।”

राष्ट्रपति ने चिकित्सा बिरादरी और संबंधित संस्थानों से महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में सहायता की है। उन्होंने पिछले 10 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “चिकित्सा संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है, और पीजी सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है। नए एम्स स्थापित किए गए हैं, और इन संस्थानों में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।” राष्ट्रपति ने 36 सुपर स्पेशियलिटी छात्रों सहित अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान के छात्रों को डिग्री भी प्रदान की।

इस अवसर पर जे पी नड्डा ने सभी छात्रों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “यहां मौजूद छात्र और विद्वान बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए हमारी मानव संसाधन पूंजी हैं।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि व्यावसायिक शिक्षा एक विशेषाधिकार है, जिसे प्राप्त करने का सौभाग्य केवल कुछ ही लोगों को मिलता है। उन्होंने कहा, “सरकार ऐसी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रति वर्ष प्रत्येक मेडिकल छात्र पर लगभग 30-35 लाख रुपये खर्च करती है।” उन्होंने छात्रों को देश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए अपनी प्रतिभा, कौशल और ज्ञान का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “भारत में डॉक्टरों की स्थिति पश्चिमी देशों से बिल्कुल अलग है। भारत के अस्पतालों में आने वाले लोगों की संख्या दुनिया भर के अधिकांश देशों के साथ तुलनीय नहीं है। बहुत कम लोग समझ सकते हैं कि हमारे डॉक्टर किस तरह रोगियों की देखभाल, अनुसंधान और नवाचारों में शामिल हैं।”

उन्होंने छात्रों को खुले दिल से मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हुए अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने कहा, “अब आप न केवल मानव जीवन के बल्कि एक महान पेशे के भी संरक्षक और रक्षक हैं।”

इस अवसर पर जे पी नड्डा ने अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान की पत्रिका “संहिता” के पहले संस्करण का विमोचन भी किया और इसकी पहली प्रति माननीया राष्ट्रपति को भेंट की।

डॉ. वी.के. पॉल ने चिकित्सा पेशेवरों की जिम्मेदारियों के बारे में माननीया राष्ट्रपति की सलाह को दोहराया, तथा सफलता के लिए उत्कृष्टता, मूल्यों और सहानुभूति को प्रमुख गुण बताया। उन्होंने छात्रों को शिक्षाविद बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया, ताकि वे अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को अगली पीढ़ी के चिकित्सा पेशेवरों के साथ साझा कर सकें।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की विशेष अधिकारी पुण्य सलिला श्रीवास्तव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार जयदीप कुमार मिश्रा, एबीवीआईएमएस के निदेशक डॉ. (प्रो.) अजय शुक्ला, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, एबीवीआईएमएस के संकाय सदस्य, छात्र और कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *