भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में निवेशकों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विद्युतीकरण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के प्रति भारतीय रेल के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और मध्य प्रदेश सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय रेल मंत्री ने रेल भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण पूरा करने की योजना सहित भारतीय रेल के लिए ‘नेट जीरो’ कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत सरकार के लक्ष्य पर जोर दिया। अगला उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा खरीद को अधिकतम करना है।
इस दृष्टिकोण के साथ, भारतीय रेल द्वारा पहले ही 1,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए समझौता किया जा चुका है। इस प्रतिबद्धता को और मजबूती प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के साथ आज महत्वपूर्ण 170 मेगावाट के बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए । यह उपलब्धि 2.15 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच की दर से भारत की सबसे किफायती सौर ऊर्जा की खरीद का प्रतीक है तथा केंद्रीय रेल मंत्री ने पवन और परमाणु ऊर्जा की खरीद की संभावनाएं तलाशने के लिए दिलचस्पी दोहरायी। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार अपने सबसे बड़े सोलर पार्क से भारतीय रेल को सौर ऊर्जा की आपूर्ति कर रही है।
अश्विनी वैष्णव ने राज्य में रेलवे के विकास को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की सराहना की। उन्होंने देश के परिवहन नेटवर्क के लिए टिकाऊ और हरित भविष्य के लिए भारत सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी।
पीपीए पर प्रमुख हितधारकों के बीच हस्ताक्षर किए गए, जिनमें पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) जिसका प्रतिनिधित्व डिप्टी सीईई/मुख्यालय चेतन गुलवानी ने किया; आरयूएमएसएल जिसका प्रतिनिधित्व अधिशासी अभियंता श्री अवनीश शुक्ला ने किया; और सौर ऊर्जा डेवलपर वारी फॉरएवर एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल रहे।
रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने, तेल आयात को कम करने और समग्र लॉजिस्टिक्स लागतों को कम करने के लिए सड़क से रेल परिवहन का रूख करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दृष्टिकोण के अंतर्गत, इसके द्वारा सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म स्रोतों के माध्यम से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है। आरयूएमएसएल के साथ सहयोग इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय रेल द्वारा अपनी सौर प्रणालियां स्थापित करने के अलावा, डेवलपर्स के साथ पीपीए व्यवस्था के माध्यम से सौर ऊर्जा भी हासिल की जा रही है। 2030 तक, भारतीय रेल की कर्षण शक्ति यानी ट्रैक्शन पॉवर संबंधी आवश्यकता 10,000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अब तक इसके द्वारा अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 4,260 मेगावाट स्थापित सौर क्षमता और 3,427 मेगावाट स्थापित पवन क्षमता हासिल की जा चुकी है।
अश्विनी वैष्णव ने देश के सभी राज्यों से भारतीय रेल को नवीकरणीय ऊर्जा-चाहे वह सौर, पवन, जलविद्युत या परमाणु ऊर्जा हो- देने का आग्रह करते हुए सतत ऊर्जा के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने रेल मंत्रालय और मध्य प्रदेश सरकार के बीच सफल साझेदारी मॉडल की प्रशंसा की, जो राज्य के ऊर्जा उत्पादकों और भारतीय रेल के बीच सीधे पीपीए समझौतों की सुविधा प्रदान करता है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मध्य प्रदेश के रेलवे क्षेत्र को आवंटित 14,745 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ बजट को रेखांकित करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यह राज्य के लिए अब तक का सर्वाधिक बजटीय आवंटन है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, रेलवे ट्रैक बिछाने का काम 2014 से पहले प्रति वर्ष 29 किलोमीटर से बढ़कर आज 230 किलोमीटर प्रति वर्ष हो गया है – जो 7.5 गुना वृद्धि दर्शाता है।