होलाष्टक के बाद भी नहीं हो पाएंगे शुभ कार्य
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होलाष्टक, दो शब्दों से मिलकर बना है होली और अष्टक, इसका अर्थ है होली से पहले का आठ दिन का समय। इसकी शुरुआत फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होती है और फाल्गुन पूर्णिमा होलिका दहन के साथ संपन्न होता है।
ज्योतिष में इसे अशुभ समय माना जाता है, इसलिए हिंदू धर्म की प्रैक्टिस करने वाले लोगों के यहां इस समय शुभ, मांगलिक और नए कार्य की शुरुआत वर्जित है। इस समय कोई बड़ा काम नहीं किया जाता है।
मान्यता है कि इस समय के आठ दिनों में सभी नवग्रहों की ऊर्जा का स्तर बढ़ा रहता है और वो उग्र रहते हैं। इसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है और मांगलिक काम में बाधा आती है। इसका दुष्प्रभाव कम से कम पड़े, इसके लिए इस समय शुभ और मांगलिक कार्य से दूर रहते हैं।
पंचांग के अनुसार होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को होती है और यह फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ संपन्न होती है, जिसे छोटी होली भी कहते हैं। इस साल फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 6 मार्च से शुरू हो रही है और फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च 2025 को है यानी होलाष्टक 2025 इस माह की 13 तारीख तक है।
होलाष्टक के बाद भी नहीं हो पाएंगे शुभ कार्य
Mar 08, 2025Kodand Garjanaधर्म रहस्य0Like
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