वैश्विक स्थिरता का आधार बन रहा भारत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि भारत की सतत आर्थिक प्रगति ने उसे वैश्विक स्तर पर “स्थिरता का आधार बना दिया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में दुनिया को ऐसे नए विकास मॉडल और वृद्धि के नए इंजनों की आवश्यकता है, जिन्हें बड़े पैमाने पर अपनाया और साझा किया जा सके। इस दिशा में भारत एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
वैश्विक अनिश्तिता के दौर में सतत विकास अधिक जरूरी
बेरी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सतत विकास लक्ष्यों के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच के मंत्रिस्तरीय खंड को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्व महत्वपूर्ण आर्थिक बदलावों और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। इससे सतत विकास लक्ष्यों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सामूहिक कार्य पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
भारत एक जीवंत लोकतंत्र
बेरी ने कहा कि परिवर्तनशील युग में भारत एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में उभर कर सामने आया है। इसके सामाजिक-आर्थिक संकेतक निरंतर बेहतर हो रहे हैं। साथ ही इसमें समावेशी डिजिटल प्रौद्योगिकी, सैद्धांतिक सुधार और समाज के सभी वर्गों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा, जो पैमाने, गति और स्थिरता से चिह्नित हो, अन्य विकासशील देशों का मार्गदर्शन करती है।
24.8 करोड़ भारतीय गरीबी से निकले
उपाध्यक्ष ने आगे कहा कि अनुमान है कि 2013-14 और 2022-23 के बीच के दशक में 24.8 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकल आए हैं। आज भारत में विश्व मं रोजगार प्राप्त करने वाले युवाओं का सबसे बड़ा समूह मौजूद है। भारत ने विकासशील देशों को रियायती वित्त, प्रौद्योगिकी साझेदारी और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान की है। इसमें सौर ऊर्जा अवसंरचना और डिजिटल शासन उपकरण शामिल हैं।
विश्व चुनौतियों के दौर में- यूएन महासिचव
इसके अलावा, यूएन के महासिचव एंटोनियो गुटेरेस ने अपने संबोधन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस फोरम में ऐसे वैश्विक संघर्षों की पृष्ठभूमि में मिल रहा है, जो सतत विकास लक्ष्यों को और अधिक दूर ले जा रहे हैं। उन्होंने धीमी होती वैश्विक अर्थव्यवस्था, बढ़ते व्यापार तनाव, बढ़ती असमानताओं और सैन्य खर्च में वृद्धि के साथ-साथ सहायता बडट मे कमी आने पर चिंता व्यक्त की।