तेल क्षेत्र – विनियमन और विकास संशोधन विधेयक, 2024 आज लोकसभा में चर्चा और पारित कराने के लिए प्रस्तुत किया गया। विधेयक का उद्देश्य तेल क्षेत्र – विनियमन और विकास अधिनियम, 1948 में संशोधन करना है। यह खनिज तेलों की परिभाषा का विस्तार करता है, जिसमें प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हाइड्रोकार्बन, कोल बेड मीथेन और शेल गैस शामिल हैं। वर्तमान अधिनियम के अनुसार कोयला, लिग्नाइट और हीलियम खनिज तेलों में शामिल नहीं हैं।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि आर्थिक विकास, ऊर्जा उपयोग पर बहुत अधिक निर्भर है और देश में प्रतिदिन 55 लाख बैरल कच्चे तेल की खपत होती है। श्री पुरी ने कहा कि भारत की हाइड्रोकार्बन संसाधन क्षमता अपार है और देश में 42 अरब टन तेल और तेल-समतुल्य गैस है जिसका अभी उपयोग किया जाना है।
विधेयक के बारे में कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में कच्चे तेल का उत्पादन घटकर दो करोड़ 94 लाख मीट्रिक टन रह गया और आयात बढ़कर 24 करोड़ 33 लाख मीट्रिक टन हो गया। उन्होंने प्राकृतिक गैस पर आयात निर्भरता कम करने के सरकार के प्रयासों पर सवाल उठाया।
तेल क्षेत्र – विनियमन और विकास संशोधन विधेयक, 2024
Mar 12, 2025Kodand Garjanaदेश विदेश0Like
Previous Postभारत और मॉरीशस ने अपनी साझेदारी को उन्नत रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाने का फैसला किया है - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Next Post5 March to 11 March