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Wednesday 3 September 2025
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शुक्र ने बदली राशि, बन रहा है ‘लक्ष्मीनारायण योग’

शुक्र ने बदली राशि, बन रहा है ‘लक्ष्मीनारायण योग’
हिंदू ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को विलासिता, प्रेम, वैभव और सुख शांति को प्रभावित करने वाला कारक ग्रह माना गया है। शुक्र देव जब राशि परिवर्तन करते हैं तो सभी राशि के जातकों की ग्रह दशा प्रभावित होती है। ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि 21 अगस्त को शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और बुध के साथ युति कर लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे।

शुक्र नवग्रहों में छठा ग्रह है और वृषभ व तुला राशि का स्वामी माना जाता है। यह भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का अधिपति है। मीन राशि में उच्च और कन्या में नीच माना जाता है। मजबूत शुक्र सुख, सौंदर्य और समृद्धि देता है, जबकि कमजोर होने पर नकारात्मक फल देता है। इसके मित्र ग्रह बुध और शनि हैं, जबकि सूर्य और चंद्रमा शत्रु ग्रह माने जाते हैं।

शुक्र, जिन्हें पौराणिक कथाओं में शुक्राचार्य कहा गया है, महर्षि भृगु के पुत्र और शिव भक्त माने जाते हैं। शुक्रवार इनका दिन है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र भौतिक सुख, वैवाहिक जीवन, सौंदर्य, कला, रोमांस और विलासिता के कारक हैं। इनके शुभ फल हेतु महिलाओं का सम्मान और परशुराम की आराधना श्रेष्ठ मानी जाती है।

शुक्र का स्वभाव
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। कलयुग में शुक्र को सबसे प्रभावशाली ग्रहों में रखा गया है। जन्म कुंडली में शुक्र यदि शुभ हो तो व्यक्ति को वैभव प्रदान करता है। शुभ शुक्र जीवन में सुख समृद्धि और विलासता का कारक बना जाता है। वहीं जब शुक्र अशुभ होता है तो व्यक्ति को बीमार, अपयश, और सुखों में लाता है।

शुक्र व्यक्ति को कलात्मक बनाता
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि शुभ शुक्र व्यक्ति को कला के क्षेत्र में निपुण बनाता है। शुक्र प्रधान व्यक्ति इंटरटेनमेंट के क्षेत्र में नाम कमाता है। शुक्र व्यक्ति को मीडिया, फिल्म, संगीत, फैशन आदि में रूचि पैदा करता है।

शुक्र का शुभ-अशुभ प्रभाव
ज्योतिषाचार्या के अनुसार, शुक्र के राशि परिवर्तन से भौतिक और वैवाहिक सुख बढ़ेंगे, अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और व्यापार में तेजी आएगी। सोना-चांदी महंगे होंगे जबकि सब्जियां व तिलहन सस्ते रहेंगे। रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे, पर राजनीति में उतार-चढ़ाव और स्वास्थ्य समस्याएं भी संभव हैं।




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