भोपाल। अब सड़क निर्माण स्थल पर जीपीएस आधारित ई-लाकिंग सिस्टम वाले टैंकरों से डामर की सप्लाई की जाएगी। इंडियन आइल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही डामर की खरीद होगी। इस प्रक्रिया से डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता आएगी।
यह व्यवस्था इस प्रकार होगी कि रिफाइनरी स्तर पर टैंकर लाक हो जाएगा और परिवहन रूट भी परिभाषित कर दिया जाएगा। अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद संबंधित उपयंत्री द्वारा मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी डालने पर ही टैंकर अनलाक होगा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों, इंडियन आइल कारपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ठेकेदार के हाट मिक्स प्लांट पर डामर की सप्लाई के समय संबंधित इंजीनियर द्वारा रिफाइनरी के पोर्टल से सप्लाई देयक को वेरीफाई किया जाएगा। बैठक में सरकारी रिफाइनरी कंपनियों से पर्याप्त मात्रा में डामर उपार्जन के लिए संभावित सहयोग पर भी चर्चा की गई। निरीक्षण की नई व्यवस्था मंत्री सिंह ने औचक निरीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए, जिसके अंतर्गत मुख्य अभियंताओं का दल बनाकर प्रत्येक माह की पांच और 20 तारीख को निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण कराया जाएगा। इन निरीक्षणों के लिए जिलों, निर्माण कार्यों और निरीक्षण दलों का चयन साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडम आधार पर किया जाएगा। निरीक्षण के लिए मुख्य अभियंताओं को दो दिन पहले जिलों की सूचना दी जाएगी, जबकि उन्हें निरीक्षण कार्यों की जानकारी एक दिन पूर्व शाम को दी जाएगी।
निरीक्षण दलों, जिलों, निर्माण कार्यों का चयन, आदि सब कुछ आटोमेटेड साफ्टवेयर के माध्यम से होगा। निरीक्षण के उपरांत सभी दल अपनी निरीक्षण रिपोर्ट अगले ही दिन जियोटैग्ड फोटोस के साथ सीधे साफ्टवेयर पर अपलोड करेंगे।