Search
Saturday 2 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

राजनाथ ने SCO की ज्वाइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से किया इनकार

राजनाथ ने SCO की ज्वाइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से किया इनकार
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) चीन के दौरे पर हैं। उन्होंने चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान (Pakistan) को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने SCO की मीटिंग में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के सामने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। साथ ही कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवादियों को पनाह देते हैं।

ज्वाइंट स्टेटमेंट पर नहीं किया साइन
SCO की रक्षामंत्रियों की बैठक में भारत ने आतंकवाद और पहलगाम हमले पर अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसका नतीजा यह हुआ कि बैठक के बाद SCO की ओर से कोई संयुक्त बयान या प्रोटोकॉल जारी नहीं किया गया। पाकिस्तान और चीन आतंकवाद से ध्यान हटाने की कोशिशों में जुटे हुए थे, लेकिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने SCO के ज्वाइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से इनकार कर दिया।

अब आतंकी ठिकाने सुरक्षित नहीं हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में कहा कि आतंकवाद के प्रति भारत (India) का ‘जीरो टॉलरेंस’ आज जग जाहिर है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ खुद की रक्षा करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। उन्होंने बताया कि भारत ने दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। भारतीय सेना उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेगी।

राजनाथ ने कहा कि हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए। SCO के ‘आरएटीएस तंत्र’ ने इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान जारी SCO राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के संयुक्त वक्तव्य ‘आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले कट्टरपंथ का मुकाबला’ पर हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

सबसे बड़ी चुनौती विश्वास की कमी
राजनाथ सिंह ने क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी को बताया। उन्होंने कहा कि शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ नहीं रह सकती। सिंह ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि हमारे क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित हैं। इन समस्याओं का मूल कारण कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में वृद्धि है।

उन्होंने कहा कि शांति और समृद्धि उन परिस्थितियों में संभव नहीं, जहां आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियार गैर-राज्य तत्वों और आतंकवादी संगठनों के हाथों में हों। इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जरूरत है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ अपनी सामूहिक सुरक्षा और सुरक्षित भविष्य के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *