Search
Sunday 3 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

नानाजी ने ग्राम स्वावलंबन की कल्पना की, वे प्रेरणा पुंज थे – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नानाजी ने ग्राम स्वावलंबन की कल्पना की, वे प्रेरणा पुंज थे – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चित्रकूट स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध संस्थान में केंद्रीय गृहमंत्री शाह समेत यहां उपस्थित सभी अतिथियों का आभार माना। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग रहा है कि उनकी नानाजी से भेंट हुई थी। नानाजी का होना हम सबके लिए एक प्रेरणा पुंज के समान था। जब पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया तो नानाजी ने बड़ी विनम्रता से मना कर दिया था। नानाजी ने गांवों में स्वावलंबन की कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि नानाजी ने कलाकारों को जोड़कर तीर्थ धाम को जीवंत करने का कार्य किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नानाजी देशमुख जैसे महामानव को प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने भारत रत्न देकर उनका सच्चे अर्थों में सम्मान किया है।
कार्यक्रम में कथावाचक पूज्य मुरारी बापू ने नानाजी के साथ बिताए समय को याद किया। उन्होंने कहा कि नानाजी ने सबसे पहले चित्रकूट में रामदर्शन की थी और आज इसे नया रूप दिया जा रहा है। आज का दिन राष्ट्र ऋषि नानाजी को श्रद्धांजलि देने का दिन है। नानाजी ने रामकथा के साथ रामदर्शन तो कराया ही, लेकिन हम सबको ग्राम दर्शन भी कराया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय एकात्म चेतना से आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का मार्ग मिला है। नानाजी का जीवन एक साधु की तरह रहा। पूज्य बापू ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए राम राज्य की परिकल्पना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब भगवान श्रीराम ने अपने भाई भरत को राम राज्य के लिए 4 बातें बताई थीं। पहला साधु मत, दूसरा लोकमत, तीसरा राजनीतिक मत और चौथा सनातन वैदिक मत। उन्होंने कहा कि नानाजी के जीवन में यह चारों बातें समाहित थीं।
श्रद्धांजलि समारोह में पूज्य अचलानंद जी महाराज, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी, खजुराहो सांसद वी.डी शर्मा, सतना सांसद गणेश सिंह, विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, कुलगुरू ग्रामोदय विश्वविद्यालय डॉ. भरत मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष डीआरआई निखल मुंडले सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में साधु-संत एवं नानाजी के अनुयायी उपस्थित थे।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *