*मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने किया विधानसभा 1 में 3 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमि पूजन*
*मंत्री विजयवर्गीय ने सफाईमित्रों का किया सम्मान*
*हमारे किले-महल समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा को दिखाते हैं, यह अनुसंधान के केंद्र हैं – कैलाश विजयवर्गीय*
इंदौर- दिनांक 27 जुलाई रविवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा 1 के वार्ड 15 में 3 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का भूमि पूजन अवं लोकार्पण किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि हमें राजनीति के साथ सामाजिक और धार्मिक रूप से भी सक्रिय रहना चाहिए। इससे समाज में समरसता आती है। माता-बहनों को अपने बच्चों के व्यायाम और भोजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मन की बात कार्यक्रम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध विरासत और वैभवशाली परंपरा अनुसंधान का विषय है।
*वृक्षारोपण शिवलोक की स्थापना के समान है*
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस वार्ड में विकास कार्यों के साथ सामाजिक कार्य भी बहुत हो रहे हैं और इसका श्रेय स्थानीय पार्षद ममता सुभाष सुनेर को जाता है। राजनीति करने के साथ सामाजिक कार्य करना बड़ी बात है। माताएं-बहनें सशक्त बने, आर्थिक रुप से संपन्न बने इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए जाना चाहिए। क्षेत्र में सामाजिक, धार्मिक गतिविधियां होती रहनी चाहिए। क्षेत्र में आज 1 हजार और लगातार 11 दिनों तक एक-एक हजार पौधे लगाए जाएंगे। इस तरह 11 हजार पौधे पार्षद ममता सुभाष सुनेर के नेतृत्व में लगाए जाएंगे। हमारे प्रधानमंत्रीजी ने एक पेड़ माँ के नाम का आव्हान किया। यदि आपकी माँ है तो उनके साथ जाकर पेड़ लगाए। नहीं है, तो उनकी स्मृति में पेड़ लगाएं। जब पेड़ बड़ा हो जाए और उसकी छाया में बैठे तो आपको ऐसा लगे की मां की छाया में बैठे हैं हम। सावन का महिना है इसलिए मैं कहता हूं कि एक पेड़ लगाना एक शिव मंदिर के निर्माण के समान है, क्योंकि भोलेनाथ जहर पीते हैं। पेड़ है तो हमारा जीवन है।
पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड रूपी जहर लेते हैं और हमको ऑक्सीजन रूपी अमृत देते हैं। आजकल बच्चों की सुंदर आंखों पर चश्मा लगा दिखाई देता है, क्योंकि बच्चों ने व्यायाम को छोड़कर मोबाइल को पकड़ लिया है। पहले 100 में से 5 बच्चों को चश्मा लगता था, लेकिन अब 100 में से 25 बच्चों को चश्मा लगने लगा है, बच्चों ने खेल के मैदान से दूरी बना ली है और मोबाइल गेम से दोस्ती कर ली है। मोबाइल के संपर्क में कम रहो, खेल के मैदान में जाओं और साथ मे पढ़ाई भी करो। मेरा माता-बहनों से निवेदन है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन खिलाएं, जिससे उनका शरीर स्वस्थ रहे। मैदे से बनी वस्तुओं का त्याग करे। मेरे घर पर ब्रेड, मैगी जैसे व्यंजन आटे से बनते हैं इसलिए मेरा यही कहना है कि अपने पेट को डस्टबीन नहीं बनाए। मैं लहसुन-प्याज नहीं खाता हूं। मांसाहारी होटल से भी दूरी बनाकर रखता हूं इसलिए जब मैं विदेश भी जाता हूं तो घर से एक बैग खाद्य सामग्री का ले जाता हूं। खाना हमारे लिए पवित्र होना चाहिए। जिस तरह हवनकुंड की अग्नि में हम आहूति डालते हैं, उसी तरह पेट में जठराग्नि है, इसलिए जठराग्नि में भी हमे पवित्र खाद्य सामग्री डालना चाहिए।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने 51 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हम पिछड़ रहे हैं। वहां संख्या कम रह सकती है, लेकिन शहर में महापौरजी के नेतृत्व में अच्छा काम हो रहा है। हर वार्ड में वृक्षारोपण का काम चल रहा है। वृक्षारोपण कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ 10 अगस्त को आ रहे हैं और लोकसभा अध्यक्ष के भी आने की संभावना है। शहर को हरा-भरा बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमे बच्चों को विरासत में यह हरियाली देकर जाना है। यह संपत्ति सोने-चांदी से भी महंगी है। मुझे गर्व है कि इंदौर में वृक्षारोपण के लिए जागृति है। पीएम मोदीजी के मन की बात कार्यक्रम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारी विरासत महान है। यूनेस्कों ने हमारे कई किलों को विश्व विरासत सूची में जगह दी है। हमारे किले-महल अनुसंधान के केंद्र है। उस समय इनको बनाने में शुद्ध वायु के आवागमन का ख्याल रखा जाता था इसलिए ये किले हजार साल पहले बगैर ऐसी के शीतल रहते थे। यह हमारी समृद्ध वैज्ञानिक परंपरा को भी बताते हैं। बड़े-बड़े पत्थर कैसे पहाड़ों पर पहुंचाकर किले बनाए यह रिसर्च का विषय है। हमारे प्रधानमंत्रीजी रिसर्च के ऊपर फोकस करते हैं। हमारी पुरानी भाषा और परंपराओं पर रिसर्च होना चाहिए। 2014 के बाद हमारे प्रधानमंत्रीजी ने रिसर्च पर जोर दिया। यह बेहतर रिसर्च का ही परिणाम है कि हमारे वैज्ञानिकों की रिसर्च की बदौलत हमारी सेना ने पाकिस्तान के 22 मिनट में भारत मे बैठकर छक्के छुड़ा दिए। यह सभी भारतीय तकनीक का कमाल है। हमारे प्रधानमंत्री रिसर्च करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं। कोविड के समय वे वैक्सिन बनाने वाले वैज्ञानिकों के साथ रोजाना चर्चा करते थे। आजादी के बाद पहली बार किसी महामारी का वैक्सीन भारत ने बनाया।
*सफाईर्मित्रों का हुआ सम्मान*
विकास कार्यों के क्रम में 1 करोड़ 65 लाख की लागत से केंद्रीय विद्यालय से बिजासन मार्ग सुलभ शौचालय तक सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन एवं 1 करोड़ 35 लाख की लागत से वार्ड के 7 बूथों पर विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया।