लाल आतक नहीं, बस्तर पर्यटन को मिलने जा रहा उद्योग का दर्जा
जगदलपुर. बस्तर में लाल आतक का दायरा तेजी से सिमटता जा रहा है। सुकमा और बीजापुर के दूरस्थ गांव अब नक्सल मुक्त होने की रेस में शामिल हो चुके हैं। बदलते बस्तर के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जो डेवलपमेंट डॉक्यूमेंट तैयार करवाया है, उसमें पर्यटन को पहले नंबर पर रखा गया है। सरकार का मानना है कि बस्तर का विकास यहां के पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के बाद तेजी से होगा। देश-विदेश के पर्यटक यहां पहुंचें इसलिए एक स्पेशल टूरिज्म प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि जल्द ही इससे जुड़े काम बस्तर में होते दिखेंगे। सरकार पर्यटन केंद्रों को नए सिरे से विकसित करने के लिए टूरिज्म सर्किट बनाने जा रही है। साथ ही यहां के टूरिज्म सेक्टर में पहली बार निजी क्षेत्र का दखल भी बढ़ेगा। इसके लिए देश-विदेश के दूर ऑपरेटर के साथ सरकार करार करेगी। देश के प्रमुख एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन में बस्तर के पर्यटन केंद्रों को प्रचारित करने के लिए स्टॉल लगाए जाएंगे।