लाडली बहनों को झटका! 1.70 लाख महिलाएं अपात्र घोषित
महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना’ (Majhi Ladki Bahin Yojana) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। अकेले सांगली जिले में इस योजना के तहत कुल 7 लाख 35 हजार 944 महिलाएं लाभ ले रही थीं। लेकिन अब तक की जांच में 1 लाख 70 हजार 729 लाभार्थी अपात्र पाई गयीं हैं। जिसके बाद इन सभी का लाभ तुरंत बंद किया जा रहा है। इससे सरकारी खजाने से हर महीने लगभग 25 करोड़ 60 लाख 93 हजार रुपये की बचत होगी।
लाडकी बहीन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के लिए राज्यभर में 2 करोड़ 63 लाख महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिनमें से करीब 2 करोड़ 41 लाख पात्र थीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बचे 11 लाख आवेदनों की जांच करने पर 7 लाख 76 हजार आवेदन अपात्र पाए गए। जून में सरकार ने इस योजना की गहन समीक्षा करने का फैसला किया। महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा सभी विभागों से जानकारी मंगवाई गई और फिर बोगस लाभार्थियों और फर्जीवाड़ा कर लाभ लेने की बात पता चली। इसके बाद सरकार ने करोड़ों लाडली बहनों की गहन छानबीन शुरू की।
लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) की अकेले सांगली जिले में कुल 7,35,944 लाभार्थी थीं। इनमें से 1,70,729 लाडली बहनों को सरकारी नौकरी, चारपहिया वाहन होने या एक ही परिवार में दो से अधिक लाभार्थी होने जैसे कारणों से अपात्र ठहराया गया है। इन सभी लाभार्थियों को अब योजना से बाहर कर दिया गया है।
इसके बाद प्रशासन ने जिला परिषद में सरकारी नौकरी में होने के बावजूद लाडकी बहीन योजना का पैसा ले रही 10 महिला कर्मचारियों की पहचान की। न सिर्फ उनकी किस्तें बंद की गईं, बल्कि इनसे यह राशि वसूल की जाएगी। इसके साथ ही सिविल सेवा अधिनियम के अनुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है।
महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अनुसार, सांगली जिले में 7 लाख 35 हजार 944 लाडली बहनों का सत्यापन सीधे उनके पते पर जाकर किया जा रहा है। अब तक लगभग 80 फीसदी लाभार्थियों की घर-घर जाकर जांच पूरी कर ली गई है। बाकी की जांच अभी जारी है। सरकार का कहना है कि योजना का लाभ सिर्फ पात्र और जरूरतमंद महिलाओं को ही मिलेगा, ताकि असली लाभार्थियों तक ही यह मदद पहुंच सके।