क्या मैनचेस्टर में भारत का 89 साल का जीत का सूखा होगा खत्म
भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में पांच मैचों की सीरीज का चौथा टेस्ट 23 जुलाई से खेला जाएगा। इंग्लिश टीम फिलहाल सीरीज में 2-1 से आगे है। हेडिंग्ले और लॉर्ड्स में मैच जीतने के बाद बेन स्टोक्स एंड कंपनी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है। वहीं, शुभमन गिल के नेतृत्व में युवा टीम इंडिया की नजर वापसी करने पर होगी। हालांकि, भारतीय टीम के लिए वापसी आसान नहीं होगी, क्योंकि उसका सामना इंग्लैंड से एक ऐसे मैदान पर है, जहां हमने कभी कोई टेस्ट नहीं जीता। एक से एक बड़े कप्तानों के नेतृत्व में भारत ने मैनचेस्टर में टेस्ट खेला, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। अब गिल के पास इतिहास रचने का मौका है। उनके पास सुनील गावस्कर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे कप्तानों को पीछे छोड़ने का मौका है।
भारत ने अब तक मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में कुल नौ टेस्ट खेले हैं। इसमें से चार टेस्ट इंग्लैंड जीतने में कामयाब रहा है, जबकि पांच टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। टीम इंडिया के पास हार और ड्रॉ के इस सिलसिले को तोड़ने का बेहतरीन मौका है और एक जीत सीरीज को दिलचस्प बना देगी। भारत अगर मैनचेस्टर में 2-2 से बराबरी करने में कामयाब रहता है तो इंग्लैंड के ऊपर दबाव आ जाएगा। फिर सबकुछ 31 जुलाई से केनिंग्टन ओवल में होने वाले पांचवें टेस्ट से तय होगा। टीम इंडिया का कुछ ऐसा ही रिकॉर्ड बर्मिंघम के एजबेस्टन में भी था, लेकिन गिल की टीम इतिहास रचने में कामयाब रही थी। अब मैनचेस्टर में एक बार फिर भारतीय टीम पूरा दमखम लगाने की कोशिश करेगी।
गिल के नेतृत्व में एक युवा टीम इंग्लैंड का दौरा कर रही है। किसी भी क्रिकेट पंडित ने भारत को इस सीरीज के लिए पसंदीदा नहीं बताया था। हालांकि, टीम इंडिया ने अब तक तीनों टेस्ट में चौंकाया है। उसने खुद से अनुभवी इंग्लिश टीम को कड़ी टक्कर दी है। हेडिंग्ले में एक सत्र की गलती की वजह से हार मिली, जबकि लॉर्ड्स में चौथी पारी में बल्लेबाजों की विफलता का नुकसान हुआ। टीम इंडिया में कुछ एक विभाग में कमी दिखी है और टीम मैनेजमेंट चौथे टेस्ट से पहले इसे सही करना चाहेगा। भारत ने अब तक मैनचेस्टर में विजियानग्राम (1936), नवाब पटौदी सीनियर (1946), विजय हजारे (1952), दत्ता गायकवाड़ (1959), अजीत वाडेकर (1971 और 1974), सुनील गावस्कर (1982), मोहम्मद अजहरुद्दीन (1990) और महेंद्र सिंह धोनी (2014) के नेतृत्व में खेला है। गिल इस मैदान पर कप्तानी करने वाले नौवें कप्तान होंगे। भारत ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 1936, 1946, 1971, 1982 और 1990 में टेस्ट ड्रॉ कराया था। वबीं, 1952, 1959, 1974 और 2014 में इंग्लैंड की टीम जीतने में कामयाब रही थी।