Search
Sunday 3 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

किसानों को नहीं मिल पा रहा फसलों का उचित मूल्य

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लाखों किसान अपनी जीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं। हालांकि, किसानों की मेहनत और उनके द्वारा उगाई गई फसलों का उचित मूल्य न मिलना एक गंभीर समस्या बनी हुई है। फसल उगाने से लेकर उसे बाजार तक पहुंचाने तक की प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ होती हैं, जिनके कारण किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता।

बिचौलियों की भूमिका

भारतीय कृषि बाजार में बिचौलियों की बड़ी भूमिका होती है। किसान अपनी फसल को मंडियों में बेचते हैं, लेकिन यहां दलाल और बिचौलिये सस्ते दामों में खरीदकर उसे ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इसका सीधा नुकसान किसानों को होता है, क्योंकि उन्हें उनकी उपज का वास्तविक मूल्य नहीं मिल पाता।

एमएसपी का सही लाभ नहीं मिलना

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है, ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिले। लेकिन व्यवहार में कई किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते। इसका मुख्य कारण यह है कि अधिकतर खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की जाती है, जो किसानों से कम दामों पर फसल खरीदते हैं।

भंडारण और परिवहन की समस्या

किसानों के पास अपनी उपज को लंबे समय तक भंडारण करने की सुविधा नहीं होती, जिससे उन्हें मजबूरन कम कीमत पर अपनी फसल बेचनी पड़ती है। परिवहन की दिक्कतें भी एक बड़ा कारण हैं, क्योंकि दूर-दराज के इलाकों से फसल को बाजार तक लाने में अधिक खर्च आता है।

बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव

फसल की कीमतें मौसम, मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती हैं। कभी-कभी किसानों को उनकी फसलों के लिए बहुत कम दाम मिलते हैं, जिससे वे कर्ज़ में डूब जाते हैं। खासकर सब्जियों और फलों की कीमतें तेजी से गिरती-बढ़ती हैं, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।

समाधान के उपाय

1. डायरेक्ट मार्केटिंग: किसानों को बिचौलियों पर निर्भर रहने के बजाय सीधे उपभोक्ताओं तक अपनी फसल पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और सहकारी समितियों का उपयोग करना चाहिए।

2. सरकारी हस्तक्षेप: सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़ानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी किसानों को इसका लाभ मिले।

3. कोल्ड स्टोरेज की सुविधा: सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर गांवों में कोल्ड स्टोरेज और गोदामों की संख्या बढ़ानी चाहिए, जिससे किसान अपनी फसल को सही समय पर सही दाम पर बेच सकें।

4. बेहतर परिवहन सुविधा: ग्रामीण इलाकों में बेहतर सड़कों और परिवहन सुविधाओं का विकास किया जाए, जिससे किसानों को अपनी उपज को बाजार तक ले जाने में आसानी हो।

5. कृषि आधारित स्टार्टअप्स और तकनीक: किसानों को नई तकनीकों, कृषि स्टार्टअप्स और ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

 

निष्कर्ष

किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य न मिलने की समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन यदि सरकार, निजी क्षेत्र और किसान मिलकर प्रयास करें, तो इस चुनौती से पार पाया जा सकता है। आधुनिक तकनीकों, सरकारी नीतियों और उचित बाजार व्यवस्था के जरिए किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सकेगा, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि देश की कृषि व्यवस्था भी मजबूत होगी।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *