इंदौर में 400 दिन शिकायत दबाकर बैठा रहा पुलिस हवलदार
लापरवाह और लेनदेन में लिप्त एक प्रधान आरक्षक का डीसीपी ने डिमोशन कर दिया। डीसीपी ने उसे सिपाही बनाते हुए एक वर्ष की वेतनवृद्धि पर भी रोक लगा दी है। प्रधान आरक्षक पर गंभीर आरोप लगे थे।
सड़क दुर्घटना के एक मामले में भी आरोपित को बदलने में भी नाम सामने आया था। मामला खजराना थाने का है। प्रधान आरक्षक (कार्यवाहक) कमल सिंह गुर्जवार को जोन-2 के डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने सजा सुनाई है। उसे पुन: आरक्षक बनाया गया है।
उसके विरुद्ध खजराना निवासी मोहम्मद शाकिब ने शिकायत की थी। शाकिब पर हुए हमले में पुलिसकर्मी ने कमजोर धाराएं लगाई और हथियार की जगह नुकीली वस्तु लिख दिया। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत हुई मगर कमल सिंह (1707) ने जांच दबा दी।
करीब 400 दिन बाद थाने में आयोजित कैंप में मामला उछला और खजराना टीआई मनोज सेंधव से पूछताछ हुई। एसीपी कुंदन मंडलोई की जांच पर गुरुवार को डीसीपी ने प्रधान आरक्षक (कार्यवाहक) कमल सिंह को आरक्षक बना दिया।