Search
Sunday 3 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

G7 का एकजुट रुख, ईरान पर परमाणु बैन का फैसला

G7 का एकजुट रुख, ईरान पर परमाणु बैन का फैसला
कनाडा के कनानास्किस में आयोजित 51वें G7 शिखर सम्मेलन में विश्व के प्रमुख नेताओं ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच एकजुट रुख अपनाया। G7 देशों (अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और जापान) ने संयुक्त बयान जारी कर ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की प्रतिबद्धता दोहराई और इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया।

परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध
G7 नेताओं ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि “ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं कर सकता।” बयान में ईरान को क्षेत्रीय अस्थिरता और आतंक का प्रमुख स्रोत बताते हुए तत्काल डी-एस्केलेशन की मांग की गई। यह बयान इजरायल द्वारा 13 जून को शुरू किए गए “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के बाद आया, जिसमें इजरायल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं और सैन्य ठिकानों पर हमले किए।

इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार
G7 ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “हम इसरायल के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि करते हैं।” बयान में नागरिकों की सुरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया गया। हालांकि, जापान ने इजरायल के हवाई हमलों को “अस्वीकार्य और गहरा खेदजनक” बताया, जो G7 के भीतर कुछ मतभेदों को दर्शाता है।

ट्रंप का रुख और G7 से जल्दी प्रस्थान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू में G7 के डी-एस्केलेशन बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अंततः उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़ दिया और तेहरान के निवासियों को “तत्काल खाली करने” की चेतावनी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकता।” ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि ईरान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन समय तेजी से खत्म हो रहा है।

मध्य पूर्व में तनाव और वैश्विक प्रभाव
इजरायल और ईरान के बीच पांच दिनों से जारी संघर्ष में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए हैं। इजरायल का दावा है कि उसके हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को “काफी पीछे” धकेल दिया है, जबकि ईरान ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से हटने की धमकी दी है। G7 ने वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने की भी प्रतिबद्धता जताई, क्योंकि इस संघर्ष से तेल की कीमतों पर असर पड़ रहा है।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *