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Monday 2 June 2025
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दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा एक्‍शन, ट्रायल कोर्ट के 135 जजों का एक साथ ट्रांसफर

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा एक्‍शन, ट्रायल कोर्ट के 135 जजों का एक साथ ट्रांसफर
दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज के आदेश पर दिल्ली के अलग-अलग ट्रायल कोर्ट के 135 जजों का एक साथ ट्रांसफर किया गया है। इसमें हाईप्रोफाइल केसों की सुनवाई करने वाले जज भी शामिल हैं। जिनमें कड़कड़डूमा कोर्ट में दिल्ली दंगों के मामले की सुनवाई कर रहे जज समीर बाजपेयी, राउज एवेन्यू कोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड के मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई जज संजीव अग्रवाल और पुलस्‍त्य प्रमाचला जैसे नाम हैं। न्यायमूर्ति संजीव अग्रवाल ने अगस्ता वेस्टलैंड केस में मुख्य आरोपी और ब्रिटिश बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स से यह नाराजगी जताते हुए कहा था “यह देखकर दुख हुआ कि सात साल में भी मुकदमा शुरू नहीं हुआ है।”
दिल्ली हाईकोर्ट ने इन जजों का किया ट्रांसफर
दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के आदेश के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASI) समीर बाजपेयी को फास्ट ट्रैक कोर्ट का विशेष न्यायाधीश बनाकर साकेत कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। इसके साथ ही एएसजे पुलस्‍त्य प्रमाचला को वाणिज्यिक न्यायाधीश बनाकर पटियाला हाउस कोर्ट भेजा गया है। वह फिलहाल कड़कड़डूमा कोर्ट में बैठ रहे थे। इसके अलावा स्पेशल जज न्याय बिंदु का भी ट्रांसफर किया गया है। जिन्होंने पिछले साल आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। इसके अलावा राउज एवेन्यू कोर्ट में वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज संजीव अग्रवाल को तीस हजारी कोर्ट में वाणिज्यिक जिला न्यायाधीश बनाया गया है।
हाईकोर्ट की ओर से जारी तबादला सूची में श्रद्धा वाकर हत्याकांड की सुनवाई कर रहीं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ का नाम भी शामिल है। जबकि स्पेशल जज अमिताभ राव को राउज एवेन्यू कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार के पद पर भेजा गया है। वहीं पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) गोमती मनोचा का कड़कड़डूमा कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। उन्होंने हाल ही में भाजपा के पूर्व सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर महिला पहलवान से यौन उत्पीड़न मामले का निरस्तीकरण स्वीकार किया था। इसके अलावा इस तबादला सूची में 18 ऐसे न्यायाधीशों के नाम भी शामिल हैं। जिन्हें ट्रेनिंग के बाद सत्र और जिला अदालतों में तैनात किया गया है।




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