धनखड़ के इस्तीफे और अमेरिकी टैरिफ को लेकर राज्यसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे, अमेरिकी टैरिफ, महिलाओं के प्रति अपराध और बिहार में मतदाता सूचियों के गहन रिव्यू (एसआईआर) जैसे मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामें के बाद गुरुवार को राज्यसभा की बैठक शुरु होने के 15 मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई। उच्च सदन में हुए इस हंगामें की वजह से आज भी सून्यकाल नहीं हो पाया। विपक्षी सांसदों ने इन मुद्दों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की और इसकी अनुमति नहीं मिलने पर इन्होंने सदन में जमकर नारेबाजी की।
दो बार हुई सदन की कार्यवाही स्थगित
सदन में लगातार हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं बदले जिसके चलते रहे सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। इस नियम के तहत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है और इसके अंत में वोटिंग का भी प्रावधान होता है।
इन सांसदों ने उठाई मांग
विपक्षी सांसदों ने एसआईआर, अमेरीका द्वारा भारत पर लगाया गए 25 प्रतिशत टैरिफ और जुर्माने के दुष्प्रभाव, ओड़िशा में महिलाओं और बच्चों से उत्पीड़न, बंगाली कामगारों के साथ दूसरे राज्यों में दुर्व्यवहार, छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी और उपराष्ट्रपति धनखड़ के अचानक इस्तीफे जैसे मुद्दों पर तुरंत चर्चा करने की मांग उठाई थी। यह मांग सुलता देव, शुभाशीष खुटिया, शशमित पात्रा, रेणुका चौधरी, नीरज डांगी, राजीव शुक्ला व साकेत गोखले, संतोष कुमार पी और वी शिवादासन और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों समेत कई विपक्षी सांसदों ने उठाई थी।