Search
Wednesday 30 July 2025
  • :
  • :
Latest Update

छत्तीसगढ़ में अक्ती पर्व के रूप में मनाया जाता है अक्षय तृतीया

छत्तीसगढ़ में अक्ती पर्व के रूप में मनाया जाता है अक्षय तृतीया
छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया पर्व ‘अक्ती’ के नाम से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि महामुहूर्त यानी अक्षय तृतीया के दिन परिवार में मांगलिक कार्य अवश्य करना चाहिए। जिन परिवारों में विवाह योग्य बेटे-बेटी होते हैं, उनके लिए अच्छा रिश्ता ढूंढकर अक्षय तृतीया के दिन विवाह कराया जाता है।
यदि किसी का रिश्ता तय न हो तो भी उस परिवार में नकली दूल्हा-दुल्हन रूपी गुड्डा-गुड़िया का ब्याह रचाने की परंपरा निभाई जाती है। छोटे बच्चे बाजार से गुड्डा-गुड़िया खरीदकर लाते हैं और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर नकली विवाह रचाने का खेल खेलते हैं। भगवान श्री गणेश, विष्णु की पूजा करके परिवार में मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाती है।
चार सर्वश्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक
हिंदू पंचांग में पूरे वर्ष में चार ऐसे मुहूर्त हैं, जिनमें पंचांग देखे बिना शुभ संस्कार संपन्न किया जा सकता है। इनमें माघ माह में वसंत पंचमी, कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी और भड़ली नवमी तथा वैशाख माह में अक्षय तृतीया को विशेष महत्व दिया गया है।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *