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Thursday 31 July 2025
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बिहार चुनाव से पहले मचा सियासी घमासान

बिहार चुनाव से पहले मचा सियासी घमासान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, चंपारण में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ हुई बदसलूकी ने विवाद को और हवा दे दी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में तुषार गांधी को स्थानीय मुखिया द्वारा अपमानित किए जाने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
क्या है पूरा मामला?

चंपारण के एक कार्यक्रम में तुषार गांधी को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने भाषण में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखी टिप्पणी की और महागठबंधन को वोट देने की अपील की। इससे नाराज स्थानीय मुखिया विनय साहू ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा, “आप गांधी के वंशज हैं, आपको शर्म आनी चाहिए। आप सिर्फ नीतीश और मोदी की आलोचना कर रहे हैं। यहां से जाइए।” इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।

वोटर लिस्ट संशोधन पर विवाद
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को लेकर पहले से ही तनाव है। विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस और राजद, इसे गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोट छीनने की साजिश बता रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट के साथ जो धांधली हुई, वैसी ही कोशिश बिहार में हो रही है। हम इसे नहीं होने देंगे।”

विपक्ष ने किया दावा
विपक्ष का दावा है कि SIR के तहत मांगे जा रहे दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के रिकॉर्ड, गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के पास उपलब्ध नहीं हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इसे “वोटबंदी” और “चुपके से एनआरसी लागू करने की कोशिश” करार दिया है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और इसका उद्देश्य फर्जी वोटरों को हटाकर मतदाता सूची को शुद्ध करना है।

सुप्रीम कोर्ट में मामला
वोटर लिस्ट विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए इसे रोकने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई के दौरान आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मान्य करने का सुझाव दिया, लेकिन प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने चुनाव आयोग से इसकी वैधता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।

तुषार गांधी की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो में तुषार गांधी को यह कहते सुना गया कि वह ठीक से पेश आने की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन मुखिया ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। घटना के बाद तुषार गांधी ने कहा, “यह लोकतंत्र का अपमान है। अगर महात्मा गांधी के वंशज के साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है, तो आम लोगों की आवाज का क्या होगा?”




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