बांग्लादेश में सेना की आपात बैठक, राष्ट्रपति शासन लागू करने पर चर्चा
भारत (India) के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Bangladesh) में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ती ही जा रही है। इसकी बड़ी वजह है देश की जनता और राजनीतिक दल, दोनों का ही मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से भरोसा लगातार कम हो रहा है। देश में आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। लोगों की आय घटी है, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन बढ़े हैं और महिलाओं के खिलाफ अपराध में भारी इजाफा होने के साथ ही बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथ का तेज़ी से उभार हो रहा है। इन सबके चलते मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी अब सीधे यूनुस सरकार की नीयत पर सवाल उठा रही है। दूसरी ओर पिछले दिनों यूनुस सरकार के संरक्षण में गठित नए राजनीतिक दल नेशनल सिटिजन पार्टी के छात्र नेताओं ने सीधे सेना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
बांग्लादेश में अविश्वास के माहौल में कानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी संभाल रही सेना की चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। ऐसे में सेनाध्यक्ष वकार उज जमां ने मंगलवार को एक आपात बैठक (Emergency Meeting) बुलाई, जिसमें सेना के शीर्ष अधिकारियों ने शिरकत की है। बैठक में सेना ने देश में स्थिरता बहाल करने के उपायों पर चर्चा की। सेनाध्यक्ष की बुलाई बैठक में शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें 5 लेफ्टिनेंट जनरल, 8 मेजर जनरल (जीओसी), स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के अधिकारी शामिल थे।
बांग्लादेश में सेना की आपात बैठक, राष्ट्रपति शासन लागू करने पर चर्चा
Mar 26, 2025Kodand Garjanaदेश विदेश0Like
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