Search
Saturday 2 August 2025
  • :
  • :
Latest Update

ISRO की अंतरिक्ष में नई छलांग, Axiom-4 मिशन पर करेगा ये 7 अहम एक्सपेरिमेंट

ISRO की अंतरिक्ष में नई छलांग, Axiom-4 मिशन पर करेगा ये 7 अहम एक्सपेरिमेंट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने को तैयार है। Axiom-4 मिशन के तहत, ISRO के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 14 दिनों की यात्रा पर हैं। इस मिशन में ISRO सात महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जो अंतरिक्ष अनुसंधान और भविष्य की मानव अंतरिक्ष यात्राओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। यह मिशन NASA, Axiom Space, और SpaceX के सहयोग से संचालित हो रहा है, जिसका प्रक्षेपण 25 जून 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्षयान के जरिए हुआ।

Axiom-4 मिशन के सात एक्सपेरिमेंट
फसल बीजों पर अंतरिक्ष का प्रभाव: इस प्रयोग में छह प्रकार के फसल बीजों को अंतरिक्ष की माइक्रोग्रैविटी परिस्थितियों में रखा जाएगा। मिशन के बाद इन बीजों को पृथ्वी पर लाकर कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, ताकि उनके आनुवंशिक परिवर्तन, माइक्रोबियल लोड, और पोषण मूल्य का अध्ययन किया जा सके। यह भविष्य में अंतरिक्ष में खेती के लिए महत्वपूर्ण है।
साइनोबैक्टीरिया का अध्ययन: इस प्रयोग में दो प्रकार के साइनोबैक्टीरिया (जल-आधारित बैक्टीरिया जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं) की वृद्धि दर, कोशिकीय प्रतिक्रियाएं, और जैव रासायनिक गतिविधियों का माइक्रोग्रैविटी में विश्लेषण किया जाएगा। ये बैक्टीरिया अंतरिक्षयान के पर्यावरण नियंत्रण प्रणालियों में उपयोगी हो सकते हैं।
मांसपेशियों की पुनर्जनन: यह प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में मानव मांसपेशियों की पुनर्जनन प्रक्रिया का अध्ययन करेगा, जो लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए मानव स्वास्थ्य को समझने में मदद करेगा।

अंकुर और खाद्य माइक्रोएल्गी की वृद्धि: इस प्रयोग में अंकुरों और खाद्य माइक्रोएल्गी की वृद्धि का अध्ययन होगा, जो अंतरिक्ष में खाद्य उत्पादन के लिए एक टिकाऊ समाधान हो सकता है।
जलीय सूक्ष्मजीवों की जीविता: छोटे जलीय जीवों की माइक्रोग्रैविटी में जीविता और व्यवहार का विश्लेषण किया जाएगा, जो अंतरिक्ष में पारिस्थितिकी तंत्र के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है।

इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ मानव इंटरैक्शन: इस प्रयोग में माइक्रोग्रैविटी में इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले के साथ मानव बातचीत का अध्ययन होगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में तकनीकी इंटरफेस को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
खाद्य और पोषण संबंधी एक्सपेरिमेंट: शुभांशु शुक्ला ISRO और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) के सहयोग से विकसित खाद्य और पोषण से संबंधित प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग अंतरिक्ष में टिकाऊ जीवन समर्थन प्रणालियों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मिशन का महत्व
Axiom-4 मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, क्योंकि यह पहली बार है जब ISRO का कोई अंतरिक्ष यात्री ISS पर रहेगा। यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए भी महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा, जिसका लक्ष्य 2027 में मानव अंतरिक्ष यान को लॉन्च करना है। इसके अलावा, यह मिशन भारत, पोलैंड, और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर पहली बार भेजने का गौरव भी दिलाएगा।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *