भ्रष्ट नेता के खिलाफ लड़ने वापस आए अमय पटनायक
बॉलीवुड थ्रिलर की गति धीमी हो रही है, तब “रेड” आती है, एक ऐसी फिल्म जो इतनी कसी हुई और कसी हुई, इतनी तीखी और राजनीतिक व्यंग्य से भरी हुई है कि आपको आश्चर्य होता है कि निर्देशक राज कुमार गुप्ता इतने सालों तक खुद को कहां छिपाए हुए थे?
तो हां उन्होंने “घनचक्कर” बनाई। हम सभी गलतियां करते हैं, ठीक है? ऐसा नहीं है कि मुझे गुप्ता के अप्रत्याशित रूप से अजीबोगरीब कॉमेडी में आने से कोई ऐतराज है। लेकिन चतुराई से बुनी गई, कसी हुई कहानी वाली राजनीतिक थ्रिलर उनकी खासियत है। “आमिर” और “नो वन किल्ड जेसिका” ने इसे साबित कर दिया था। “रेड” ने इसे फिर से साबित कर दिया है।
तो फिर से स्वागत है, मिस्टर गुप्ता। यह रहा आपका सौदा। अजय देवगन द्वारा निभाए गए एक ईमानदार आयकर अधिकारी, जो कुछ भी नहीं बताता (कम से कम, उसके चेहरे पर तो कुछ भी नहीं दिखता) को लखनऊ की राजनीति के गढ़ में एक मोटे-ताजे, भ्रष्ट और घटिया राजनेता के खिलाफ खड़ा किया गया है।
भ्रष्ट नेता के खिलाफ लड़ने वापस आए अमय पटनायक
Apr 08, 2025Kodand Garjanaलाफ़स्टाल0Like
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