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Thursday 12 June 2025
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शिवराज का सिस्टम फेल – धधकता रहा सतपुड़ा भवन, हादसा या साजिश

राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग की साजिश की गंध दिल्ली दरबार तक पहुँच गयी जब उसको बुझाने के लिए सेना को बुलाना पड़ा। करीब 10 घण्टे धड़कता रहा सतपुड़ा भवन आग को बुझाने में शिवराज सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई।देखते ही देखते हजारों फाइलें जलकर स्वाहा हो गयी। हाईटेक सुरक्षा आपातकाल से निपटने के लिए खरीदे जाने वाले करोड़ों के फायर फाइटर उपकरण किसी काम नहीं आए पूरे प्रदेश की सुरक्षा का राग अलापने वाली सरकार अपने नाक के नीचे लगी आग को बुझा नहीं पाई। हद तो तब हो गई जब आसपास के क्षेत्रों से कई दमकल टीमें पहुंची लेकिन आग को काबू में नहीं कर पाए आग तीसरी मंजिल से शुरू होकर छठी मंजिल तक पहुंच गई लेकिन आग को दमकल टीमें कंट्रोल नहीं कर पाई। यह पहला मौका नहीं है जब सतपुड़ा भवन मैं आग लगी हूं इसके पहले भी चुनासी साल में चुनाव के समय आग लग चुकी है 14 दिसंबर 2018 को भी सतपुड़ा भवन में आग लगी थी इसके पहले जून 2012 को भी सतपुड़ा भवन की तीसरी मंजिल में आग लगी थी क्योंकि चुनावी साल है इस बार भी आग लगना किसी साजिश से जोड़कर देखा जा रहा है हालांकि सरकार इसको आम आगजनी घटना मान रही है सरकार का दावा है कि इस घटना से कोई काम प्रभावित नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर काम ऑनलाइन होता है वहीं कांग्रेस सरकार को आग की लपटों में घेरने की पूरी कोशिश कर रही है।

घोटालों की फाइलें स्वाहा
सतपुड़ा भवन में लगी आग की लपटों से ज्यादा सियासत भड़क उठी है कांग्रेस ने बीजेपी को इन आग की लपटों में जमकर घेरा कांग्रेस का आरोप है कि घोटालों की फाइलें इस आग में स्वाहा कर दी गई है यह एक साजिश है और साजिश के तहत आग लगाई गई है जहाँ आग लगी है वहाँ आदिवासी विभाग ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त एवं नरसिंह विभाग के दफ्तर है वोट बैंक के लिए आदिवासी कल्याण पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है उसी से जुड़ी फाइलें खाक हो चुकी है वही अनुसूचित जनजाति विकास विभाग की फाइलें भी सब स्वाहा हो चुके हैं कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा है कि शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आग एक साजिश के तहत लगाई गई है वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच कमेटी गठित की है जो आग की घटना की जांच करेगी इसको लेकर बैठक की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

हाईटेक सुरक्षा से लैस होने का राग अलापने वाला नगर निगम भोपाल का सिस्टम पूरी तरह नाकाम रहा सरकार को केंद्र से आर्मी की मदद लेनी पड़ी भोपाल की एयरपोर्ट अथॉरिटी को छोड़कर सभी एजेंसी फेल रही ।

नही खुला फायर हाइड्रोलिक
72 फीट तक आग बुझाने में सक्षम नगर निगम की फायर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं खुला करीब 1 घंटे हाइड्रोलिक खोलने में लग गए इसको तकनीकी गड़बड़ी कहें या साजिश जिसके चलते हाइड्रोलिक नहीं खुला लापरवाही की इंतहा तो तब हो गई जब मंत्रालय के सामने संचालित सरकारी सतपुड़ा भवन में ना तो फायर ऑडिट हुआ और ना ही भवन में सुरक्षा उपकरण लगाए गए थे फायर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म को खोलने में ही करीब 1 घंटे लगे जबकि नियमानुसार बहुमंजिला भवनों में फायर सिस्टम रीफलिंग और फायर सिस्टम का ऑडिट समय-समय पर जरूरी होता है लेकिन यहां पर ना तो फायर ऑडिट हुआ और ना ही फायर सुरक्षा यंत्र जांचे गए।
जिसके चलते इस आग की चपेट में सतपुड़ा भवन का करीब 90 परसेंट हिस्सा जलकर खाक हो चुका है जांच के नाम पर कमेटी गठित होगी विपक्ष सरकार को घेरेगा और यह जांच लंबी चलेगी चुनाव होंगे सरकार बदलेगी य सरकार सत्ता वापसी करेगी यह तो वक्त बताएगा लेकिन जांच की रिपोर्ट क्या होगी यह अभी से तय है।




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